देख लो किस्मत एक नयी सौगात लाए हैं ,
यादो को समय के हवाले सौपने लाए हैं,
तुम्हे ज़िंदा रख कर क्या पाया हम ने ?
चलो अब देखे क्या पाते हैं आगे ,
आज तुम्हे यंहा भुलाने आए हैं .....
आज से नज़रिया बदल रहा है,
दिल का दरिया सुख चुका है ,
इस अकाल मे, तुम्हे पाताल मे
हम दफ़नाने लाए हैं ,
आज तुम्हे यंहा भुलाने आए हैं .....
तुम्हारे लिए तो पहले ही ये मुमकिन था,
हम अपने आप को एक नया खेल दिखाने लाए हैं ,
जाओ ख़ुश रहना हर पल को तुम ,
तुम्हे दुआ दे कर अपने आप को समझाने आए हैं ,
आज तुम्हे यंहा भुलाने आए हैं .....
Monday, October 22, 2007
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Aabhas
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