कौन कहता है ? जो हम देख रहे है वो सब सही होगा ,
हो सकता है आधा सच किसी बड़ी बात कॅया मुद्दाइ होगा,
कोसते रहते है जो हम नसीब को ....
हर घड़ी के साथ छोटा सा लम्हा ,
एक बड़ी बात कॅया पैगाम ,
एक हसीन ज़िंदगी की गवाही होगा ....
यॅ जो हर बात पर हम टूट जाया करते हैं ,
हो सकता है कोई छुपा राज़ .....
यॅ गम अजीब सी परछाई होगा !!!
कल जब रात को आख खुलेगी किसी सपने के दरमियाँ
हो सकता है कोई नया सवेरा नया सूरज नसीब होगा !
कन कहता है जो हम देख रहे हैं सब सही होगा ????
Sunday, October 21, 2007
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Aabhas
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