Sunday, October 21, 2007

kaun kahta hai ?

कौन कहता है ? जो हम देख रहे है वो सब सही होगा ,
हो सकता है आधा सच किसी बड़ी बात कॅया मुद्दाइ होगा,
कोसते रहते है जो हम नसीब को ....
हर घड़ी के साथ छोटा सा लम्हा ,
एक बड़ी बात कॅया पैगाम ,
एक हसीन ज़िंदगी की गवाही होगा ....
यॅ जो हर बात पर हम टूट जाया करते हैं ,
हो सकता है कोई छुपा राज़ .....
यॅ गम अजीब सी परछाई होगा !!!
कल जब रात को आख खुलेगी किसी सपने के दरमियाँ
हो सकता है कोई नया सवेरा नया सूरज नसीब होगा !
कन कहता है जो हम देख रहे हैं सब सही होगा ????

No comments:

Aabhas

अंतरात्मा     का  द्वंद  शांत  नहीं  होता। स्थिरता  और  ठहराव  में  शायद  ज़मीन  आसमान  का अंतर  होता  है।जीवन  स्थिर  हो  भी  जाए  तो , च...