रिश्ते होते हैं बड़े अजीब ....
कुछ मे होती है दीवानगी ...
कुछ मे होती है हया और तमीज़ ...
कुछ रिश्ते बस रिश्ते होते हैं ,
ना चाह कर भी बस निभाए जाते हैं ,
दिल मिले नेया मिले
लोग गले लगाए जाते हैं,
रिश्ते जो ना चाह कर बनाए जाते हैं
और कुछ वो भी जो अनजानो से,
सपनो मे सजाए जाते हैं ,
रिश्ते कभी तोड़ कर निभाए जाते हैं ,
उर कुछ रिश्ते जो चाह कर भी ना भलाए जाते हैं,
रिश्ते अजीब पहेली से ,
मुझे भूल भुलईया मैं घुमाए जाते हैं,
समझ , नासमझ के फेर से परेह
ज़िंदगी को कान्ही अनजाने रास्तों पर भटकाए जाते हैं !
Sunday, October 21, 2007
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Aabhas
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