Monday, October 22, 2007

Tum bhi thy aur Hum bhi !

सुनी सड़को पर अकेले टहलते ,
तुम भी निकले और हम भी ...
पल पल बदलती दुनिया मे ,
तुम भी थे और हम भी ...
बीते दीनो की याद मे खोए ...
तुम भी थे और हम भी ...
दोस्ती खोने वालो मे,
तुम भी थे और हम भी ...
दुनिया की नज़रो से छलके जो,
तुम भी थे और हम भी ...
कुछ गिरे हुए इंसानो को जब पूछा ,
तुम भी थे और हम भी ...
अकेले मे मुस्कुराते तो ,
तुम भी थे और हम भी ...

फिर क्यू समझते हो ख़ुद को ज़रिया ?
नही रखता ज़माना तुम पर ग़लत नज़रिया,
अगर समझते हो बदनाम हो तुम
तो फिर समझो बदनाम हुए हम भी ....

हो भी क्यू ना ?ये सच्चाई है,
जो वक़्त तुम पर गुज़र रहा था ,
वही काटते तो थे हम भी !!!

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Aabhas

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