जब तन्हाई मैं बैठो तो मेरा यॅ कलाम पढ़ लेना ..
सारे गमो को अपने लफ़्ज़ो तक मत लाना
छुपा कर आँसूओं को दिल मे राख लेना ,
शायद यू ही मेरी बेवफ़ाई को भूल पाओगे ..
दर्द भरे दिल को जब आँसूओं का शरबत पिलाओगे ...
जानती हूँ कभी ना कभी जान जाओगे ,
ये जुदाई , ये तन्हाई और ये बेवफ़ाई बेसबब नही है सब कुछ
शायद मेरी किस्मत का रंग तब पहचान जाओगे ...
Monday, October 22, 2007
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Aabhas
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