Monday, October 22, 2007

gam ...

एक रोज़ कभी अपनी मौत के गम मे,
रोने वाले बस हम होंगे
ना जहन्नुम के बाशिंदे,
ना जन्नत के महेमान
गुमनाम उस जाघा पर अपना पता पूछते हम होंगे,
रूह को मेरी हिला -हिला कर तुम पूछना
मेरी इस हालत के ज़िम्मेदार
तेरे प्यार के तोहफ़ा किए
वो गम होंगे बस गुण होंगे

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Aabhas

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