तुमशहरबसातेरहतेहो, येजंगलमैंनेबोयाहै।
सिर्फ़एकआत्मविश्वासपर, भविष्यउज्जवलहोगा, स्वस्थहोगा, समृद्धहोगा; येआम, कटहल, महुए, आवले, नींबू, अनार, औरसागवानहज़ार, कुछखरगोश, कच्छुऐ, मछली, कुछगाय, बकरी, घोड़े, कुत्ते, बंदर, ओैरहिरण..... ऊबड़ख़ाबड़धरतीथी,जिसमेंमैंनेकुछहरारंग, कुछजड़औरजीवन, पिरोयाहै।
गांवोंकोपानीमिलजाए,औरराहगीरोंकोपेड़कीछांव, एककोनेमेंकुएँखुदवाया, एकछोटेमंदिरमेंशिवपरिवारसमाया.
संसारकाकारोबारतोचलताहीरहेगा,मैंनेप्रकृतिकोदोदशकोंमेसंजोयाहै।
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